मसूरी पहाड़ों की रानी
(Mussoorie - The Queen of Hills)
मसूरी पहाड़ों की रानी के नाम से प्रसिद्ध है, देहरादून से ३५ किमी दूर पहाड़ी पर स्थित है मसूरी, उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों मैं से एक है, यहाँ पर कभी भीड़ कम नहीं रहती है, मसूरी उन स्थानों मैं से एक है जहाँ लोग एक बार आ जाएँ तो बार बार आने से खुद को रोक नहीं पाते है। मसूरी हिमालय का द्वार मैं पड़ने वाली हिमालयी पर्वत माला मैं बसा पर्यटन स्थल है, समुन्द्र तल से २००० मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह पर्यटन स्थल राजधानी के निकट सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जहा पर लोक अपना उमस भरा वीकेंड जीने के लिए निकल पड़ते है, यहाँ से उत्तर मैं हिमालयी बर्फ से ढकी पहाड़ियों का नजारा देखते ही बनता है, और दक्षिण मैं शिवालिक श्रेणी की पहाड़ियां और ऊपर से देहरादून का नजारा मन्त्रमुग्घ करने वाला होता है, इसी कारण यह शहर पर्यटकों के लिये परियों का देश जैसा प्रतीत होता है।
मसूरी का इतिहास (History of Mussoorie)
मसूरी को कप्तान यंग एक ब्रिटिश मिलिट्री अधिकारी और श्री शोर जो की देहरादून के निवासी थे 1825 मैं की थी, उन्होंने मसूरी की खोज एक छुट्टी बिताने के लिए एक पर्यटन स्थल के रूप मैं की थी, 1827 मैं उन्होंने यहाँ एक सैनिटोरियम बावय जोकि लैंढ़ौर मैं है आज वहां कैंटोनमेंट बना हुआ है, कर्नल एवेरेस्ट ने यही अपना घर बनाया, 1901 मैं यहाँ की जनसँख्या 6400 के लगभग थी और गर्मियों मैं जो बढ़कर 15000 -20000 तक पहुंच जाती थी, पहले मसूरी सड़क द्वारा सहारनपुर से 60 किमी की दुरी पर स्थित था, बाद मैं 1900 मैं रेलमार्ग बन जाने से यह मार्ग कम होकर 21 किमी रह गया, यहाँ पर बहुत ज्यादा उगने वाले पौधे का नाम मंसूर है जिसके कारण लोग बताते है की यहाँ का नाम मंसूरी पड़ा जो की स्थानीय लोगो मैं अभी भी मंसूरी बोला जाता है, मसूरी नगरपालिका का गठन 1873 मैं अधिनियम 15 के तहत किया गया।
मसूरी के लोकप्रिय पर्यटन स्थल (Best Tourist Place in Mussoorie)
मसूरी प्रकृति प्रेमियों के लिए एक चमकता हुआ हिल स्टेशन है, यहाँ पर भारत के कुछ प्रतिष्ठि शैक्षिणिक संस्थान, प्रशासनिक सेवाओं हेतु प्रशिक्षण केन्द्र, प्रतिष्ठित प्रसिद्ध विद्यालय, ब्रिटिश कालीन विद्यालय, बोर्डिंग स्कूल, आलिशान होटलों से लेकर सामान्य होटल, आरामदायक कैफे,चर्च, भवन, कार्यालय, हलचल भरे बाजार जैसे माल रोड (पिक्चर पैलेश से पब्लिक लाइब्रेरी तक जाता हुआ मार्ग), और कई पर्यटन स्थल हैं, मसूरी भारत के शीर्ष हिल स्टेशनों मैं से एक है, तो आइये आपको बताते है मसूरी मैं घूमने के लिए सबसे सुन्दर पर्यटन स्थलों के बारे मैं -
केम्प्टी फॉल्स (Kempty Falls)
केम्प्टी फॉल्स मसूरी के पास सबसे लोकप्रिय और सबसे पुराने पर्यटन स्थल मैं से एक है, मसूरी से 15 दुरी पर स्थित है केम्प्टी फॉल, यहाँ पर एक बहुत ही बड़ा 40 फुट ऊँचा झरना पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है, यूँ कहिये की यदि आप मसूरी गए और केम्प्टी फॉल्स नहीं गए ऐसा हो ही नहीं सकता और नहीं गए तो आपका मसूरी भ्रमण अधूरा रह गया है, लगभग 150 साल पहले एक ब्रिटिश अधिकारी द्वारा चाय पार्टियों के लिए विकसित किया गया था, यह एक बहुत ही सुन्दर और आकर्षक पिकनिक स्थल है, केम्प्टी फॉल मसूरी की घाटियों से घिरा हुआ है, अब यह मसूरी आने वाले लोगों के लिए एक जरूरी पर्यटन स्थल बन गया है। पास ही एक नया बना हुआ तालाब मैं आप नौका विहार का आनंद ले सकते है, यह दिन के समय सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुलता है। केम्प्टी फॉल वैसे तो वर्ष भर खुला रहता है परन्तु केम्प्टी फॉल घूमने का सबसे अच्छा समय गर्मियों के दौरान यानी जून से अक्टूबर के दौरान होता है।
गन हिल्स (Gun Hills) -
गन हिल मसूरी की दूसरी सबसे ऊँची एक ऐतिहासिक चोटी है, गन हिल हिमालय श्रृंखला और दून घाटी को देखने के लिए पसंदीदा एक जगह है। मसूरी का एक लोकप्रिय व्यू पॉइंट है, गन हिल मॉल रोड से 400 फीट ऊपर स्थित है और यहां केबल कार / उड़नखटोला / रोपवे द्वारा भी पहुँचा जा सकता है साथ ही पैदल मार्ग से 20 की दुरी पर स्थित है, गन हिल मसूरी की दूसरी सबसे ऊँची चोटी पर है, गन हिल फोटोग्राफरों और हिमालयी पर्वतों को निहारने वाले प्रकृति प्रेमियोँ के बीच लोकप्रिय स्थान है क्योंकि यह हिमालय पर्वतमाला जैसे बंदरपंच, श्रीकांठा, पिथवाड़ा और गंगोत्री समूह आदि का चारों और 360 डिग्री दृश्य प्रदान करता है। गन प्वाइंट से मसूरी और दूँ घाटी के मनोरम दृश्य भी देखे जा सकते है। आजादी से पहले इस छोटी पर एक बन्दुक लगी होती थी, जिस से दिन के समय मैं एक फायर किया जाता था जिस से लोग अपनी घडी के समय को सही किया करते थे, इसलिए यहाँ को अब गन पॉइंट या गन हिल कहा जाता है।
माल रोड (The Mall Road Mussoorie)
पहाड़ियों की रानी मसूरी में सबसे प्रसिद्ध वाकिंग ट्रैक द मॉल रोड है। 2000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर, मसूरी में मॉल रोड प्रमुख आकर्षण है। मसूरी के लगभग हर आगंतुक को खूबसूरत माल रोड का दौरा करना पड़ता है जो पूर्व में पिक्चर पैलेस से पश्चिम में पुस्तकालय तक फैला हुआ है। द मॉल मसूरी शहर के केंद्र में स्थित और दून घाटी के अद्भुत दृश्य प्रदान करने वाले सुरम्य दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। मॉल में हर व्यू पॉइंट पर बेंच और लैम्पपोस्ट लगाए गए हैं। पुरानी शैली के मकान ब्रिटिश वास्तुकला की याद दिलाते है। माल रोड के दोनों ओर की दुकाने आपको अपनी और आकर्षित करती है। माल रोड मसूरी की एक प्रमुख ख़रीददारी का स्थान है जहाँ आपको हरप्रकार की मनोरंजक, रोमांचक चीजे, कपड़ों की दुकाने, होटल, एसबीआई बिल्डिंग, कैम्ब्रिज बुक स्टोर, रेस्टोरेंट, फ़ूड स्टाल, वुडन क्राफ्ट आइटम, हैंड मेड क्राफ्ट आदि के लिए प्रसिद्ध है।
मसूरी झील (Mussoorie Lake) -
मसूरी के पास एक सिटी बोर्ड द्वारा नव निर्मित झील एक आदर्श पिकनिक स्थल एक नए पर्यटन स्थल के रूप मैं प्रसिद्ध हुआ है, देहरादून-मसूरी रोड में मसूरी से सिर्फ 6 किमी पहले स्थित है, मसूरी झील नौका विहार के साथ-साथ पिकनिक के लिए एक आदर्श स्थान है। यहां पैडल-बोट से नौकर विहार का आनंद ले सकते है। यहां से दून-घाटी और आसपास के गांवों का मंत्रमुग्ध करने वाले सुंदर दृश्य दिखाई देते है। मसूरी-देहरादून रोड में आपको मसूरी की इस कृत्रिम लेकिन आकर्षक झील की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। यह मानसून के दौरान और भी शानदार और आकर्षक दिखती है और यहाँ पर आप शांति का अनुभव प्राप्त करेंगे। मसूरी झील के किनारे जलपान और खाने-पीने की सम्पूर्ण व्यवस्था है। यह सप्ताह के सातों दिन और वर्ष भर खुला रहता है यहाँ पर प्रवेश के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है।
झड़ीपानी फॉल (Jharipani Fall) -
झरीपानी फॉल मसूरी-झरीपानी मार्ग पर मसूरी से लगभग 8.5 किमी दूर स्थित है। मसूरी से झरने तक पहुंचने के लिए बस, कार अन्य साधन से 7 किमी की दुरी तय करने के बाद पैदल 1.5 किमी दूरी तय करनी पड़ती है। मनमोहक झरीपानी झरना प्रकृति प्रेमियोँ को शिवालिक रेंज का अद्भुत विहंगम दृश्य प्रस्तुत करता है। झरने के आस-पास आपको प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले जंगली फूलों, लताओं और झाड़ियों की विभिन्न प्रजातियों को देखने को मिलता है। झरने के दूसरी तरफ आप खूबसूरत दून घाटी और सीढ़ीनुमा खेतों का मनमोहक दृश्य भी देख सकते हैं। झरीपानी झरना पिकनिक मनाने के लिए एक आदर्श स्थान है।
लाल टिब्बा (Lal Tibba) -
लाल टिब्बा मसूरी की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है और मसूरी में सबसे प्रसिद्ध स्थान है। पर्यटकों और यात्रियों के बीच यह प्रमुख पर्वत चोटियों के साथ-साथ एक रोमांटिक सूर्यास्त और सूर्योदय देखने के लिए लोकप्रिय स्थान भी है, लाल टिब्बा को 1967 मैं नगरपालिक मसूरी द्वारा स्थापित किया गया था, यहाँ से हिमालय की पर्वत श्रेणियों बद्रीनाथ, केदारनाथ, बदरपंच आदि स्थानों को दूरबीन द्वारा देखा जा सकता है, शांत और एकांत वातावरण प्रयटकों को अपनी और आकर्षित करता है, यह हिल डोपो लंढोर क्षेत्र मैं स्थित है, यह मसूरी से 4.5 किमी दुरी पर लंढोर रोड पर स्थित है।
ज्वाला देवी मंदिर (Jawala Devi Temple)
मसूरी मैं ज्वाला देवी का एक प्राचीन मंदिर है जो देवी दुर्गा को समर्पित है। मसूरी में बिनोग पहाड़ी की चोटी पर 2104 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ज्वाला देवी मंदिर ओक और देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है। और मसूरी में घूमने के लिए सबसे आकर्षक और महत्वपूर्ण जगहों में से एक माना जाता है। मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने के लिए पर्यटक ज्वाला जी मंदिर जाते हैं। ज्वाला जी मंदिर में देवी दुर्गा की एक पुरानी पत्थर की मूर्ति है। तीर्थयात्रियों और भक्तों के अलावा, प्रकृति प्रेमी भी यहां आते हैं। घने हरे जंगल से घिरा ज्वाला देवी मंदिर प्रकृति प्रेमियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। मंदिर के शांत वातावरण मैं शांति आसानी से महसूस की जा सकती है क्योंकि यह शहर की भीड़ से दूर है। मंदिर से यमुना नदी और शिवालिक पर्वतमाला के मंत्रमुग्ध करने वाले दृश्यों को देखा जा सकता है। ज्वाला देवी मंदिर मसूरी शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। क्लाउड्स एंड मसूरी नामक जगह तक सड़क माध्यम से और उसके बाद 2 किमी के पैदल द्वारा ज्वाला जी मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
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भट्टा फॉल (Bhatta Fall) -
भट्टा फॉल मसूरी के पास हाल ही में विकसित एक पिकनिक स्थल है जहाँ का मुख्य आकर्षण झरना है। मसूरी शहर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है भट्टा फॉल जो अभी पर्यटकों के बीच इतना अधिक प्रिय नहीं हुआ है, इसमें पहाड़ियों के बीच बहने वाली पानी की के प्राकृतिक फॉल है। भट्टा फॉल रोपवे भट्टा गाँव से भट्टा फॉल को जोड़ता है रोपवे जुलाई 2019 मैं शुरू कर दिया गया था इसलिए आप यहाँ तक रोपवे के माध्यम से भी पहुंच सकते है, रोपवे से अपडाउन के लिए आपको 150 चार्ज देने होते है, यहाँ पिकनिक स्पॉट के रूप मैं अच्छा विकल्प है।
कंपनी गार्डन (Company Garden / Municipal Garden)-
मसूरी में एक प्रमुख पिकनिक स्थान है कंपनी गार्डन जो की मॉल से 3 किमी की दूरी पर स्थित एक हरा भरा बगीचा है। इसे "नगरपालिका उद्यान" या "कंपनी बाग" के रूप में भी जाना जाता है, आजादी से पहले तक बोटेनिकल गार्डन भी कहलाता था। यह वर्ष भर पर्यटकों से भरा रहता है। कंपनी गार्डन में कई तरह के खूबसूरत फूल और एक मनोरंजन पार्क भी है। कंपनी गार्डन के निर्माता विश्वविख्यात भूवैज्ञानिक डॉ॰ एच. फाकनार लोगी थे। सन् 1842 के आस-पास उन्होंने इस क्षेत्र को सुंदर उद्यान में बदल दिया था। बाद में इसकी देखभाल कंपनी प्रशासन की देखरेख में होने लगा था। कई रंग-बिरंगे फूलों से भरा कंपनी गार्डन मसूरी के सबसे आकर्षक उद्यानों में से एक है। युगल और पारिवारिक पिकनिक के लिए सर्वश्रेष्ठ और सुव्यवस्थित नगर उद्यान है, एक छोटे से कृत्रिम झरने के साथ-साथ एक मिनी झील इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देती है। बच्चों के खेलने के लिए, कंपनी गार्डन में पर्याप्त जगह और साहसिक सवारी के साथ-साथ एक मनोरंजन पार्क भी है। बगीचे में छोटी झील में पैडल बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। बगीचे के अंदर एक छोटा सा बाजार पर्यटकों को कुछ यादगार वस्तुएं भी खरीदने का विकल्प देता है। गार्डन का फ़ूड कोर्ट भी है साथ एक दूरबीन भी है जोकि हिमालय के करीब होने का एहसास कराती है। यह गार्डन 9 से 6 बजे तक खुलता है इसमें 18 रु का प्रवेश शुल्क लिया जाता है।
बेनोग टिब्बा (Benog Tibba)
2,250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है बेनोग हिल या बेनोग टिब्बा मसूरी क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है। दक्षिण में खूबसूरत दून घाटी, पश्चिम में समृद्ध यमुना और आसन बैराज, पूर्व में आकर्षक मसूरी पहाड़ियों और उत्तर में शक्तिशाली हिमालय से घिरा है, बेनोग हिल प्रकृति के बेहतरीन और मनोरम दृश्य के लिए प्रसिद्ध है।
कैमल बैक रोड (Camel Back Road)
कुल 3 कि॰मी॰ लंबा यह रोड रिंक हॉल के समीप कुलरी बाजार से आरंभ होता है और लाइब्रेरी बाजार पर जाकर समाप्त होता है। इस सड़क पर पैदल चलना या घुड़सवारी करना अच्छा लगता है। हिमालय में सूर्यास्त का दृश्य यहां से सुंदर दिखाई पड़ता है। मसूरी पब्लिक स्कूल से कैमल रॉक जीते जागते ऊंट जैसी लगती है।
चाइल्डर्स लॉज (Childers Lodge)
लाल टिब्बा के निकट यह मसूरी की सबसे ऊंची चोटी है। टूरिस्ट कार्यालय से यह 5 कि॰मी॰ दूर है, यहां तक घोड़े पर या पैदल भी पहुंचा जा सकता है। यहां से बर्फ के दृश्य देखना बहुत रोमांचक लगता है।
तिब्बती मंदिर (Tibetan Temple)
बौद्ध सभ्यता की गाथा कहता यह मंदिर निश्चय ही पर्यटकों का मन मोह लेता है। इस मंदिर के पीछे की तरफ कुछ ड्रम लगे हुए हैं। जिनके बारे में मान्यता है कि इन्हें घुमाने से मनोकामना पूरी होती है।
नाग देवता मंदिर (Naag Devta Temple)
कार्ट मेकेंजी रोड पर स्थित यह प्राचीन मंदिर मसूरी से लगभग 6 कि॰मी॰ दूर है। वाहन ठीक मंदिर तक जा सकते हैं। यहां से मसूरी के साथ-साथ दून-घाटी का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
क्लाउड्स एंड (Clouds End)
यह बंगला 1838 में एक ब्रिटिश मेजर ने बनवाया था, जो मसूरी में बने पहले चार भवनों में से एक है। अब इस बंगले को होटल में बदला जा चुका है, क्लाउड्स एंड कहे जाने वाला यह होटल मसूरी हिल के एकदम पश्चिम में लाइब्रेरी से 8 कि॰मी॰ दूर स्थित है। यह रिजार्ट घने जंगलों से घिरा है, जहां पेड़-पौधों की विविध किस्में हैं साथ ही यहां से हिमालय की हिमाच्छादित चोटियां और यमुना नदी को देखा जा सकता है। विदेशी पर्यटकों और हनीमून पर आने वाले दंपत्तियों के लिए यह सबसे उपयुक्त रिजार्ट है।
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मसूरी के पास अन्य पर्यटन स्थल (Tourist Place Near Mussoorie)-
धनोल्टी (Dhanolti)
मसूरी से लगभग 25 कि॰मी॰ दूर मसूरी-टिहरी रोड पर स्थित है धनोल्टी। मार्ग में, चीड़ और देवदार के जंगलों के बीच बुरानखांडा से हिमालय का शानदार दृश्य देखा जा सकता है। सप्तांहत में आराम करने के लिए धनोल्टी एक आदर्श स्थान है।
सुरकंडा देवी मंदिर (Surkanda Devi Temple)
यह स्थान मसूरी-टिहरी रोड पर मसूरी से लगभग 33 कि॰मी॰ दूर और धनोल्टी से 8 कि॰मी॰ दूर स्थित है। पर्यटक बस या कार द्वारा कद्दूखाल (देवास -थाली) तक जा सकते हैं, जहां से आगे 2 कि॰मी॰ पैदल चलकर यहां पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर समुद्र तल से 10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है, यहां से हिमालय का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
चंबा (Chamba)
धनोल्टी से लगभग 31 कि॰मी॰ दूर है। यहां तक यात्रा बहुत शानदार है क्योंकि सड़क फलों के बागानों से होकर गुजरती है। सीजन के दौरान, पूरे मार्ग पर सेव बहुतायत में मिलते हैं। बसंत के मौसम में, फलों से लदे वृक्षों को कैमरे में कैद किया जा सकता है, क्योंकि अपने पूरे शबाब के समय इन्हें देखना आंखों को सुखद लगता है। पृष्ठभूमि में शानदार हिमालय दिखाई देता है।
लाखा मंडल (Lakha Mandal)
कैम्पटी फाल से गुजरने पर मसूरी -यमुनोत्री रोड पर 75 कि॰मी॰ दूर है लाखा-मंडल। कुवा तक 71 कि॰मी॰ की सड़क यात्रा के बाद यमुना नदी को सड़क-पुल से पार करना पड़ता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा यहां पुरातत्व महत्व की सैंकड़ो मूर्तियां रखी गई हैं। कहा जाता है कि कौरवों ने यहां लाख का महल बनाया था और यहां पांडवों को जिंदा जलाने का षडयंत्र रचा था।
कैसे पहुंचे (How to Reach Mussoorie-The Quean of Hills)
हवाई मार्ग से (By Air) - मसूरी के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट का नाम जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है जोकि 59 किमी की दुरी पर स्थित है, जहाँ से सड़क मार्ग द्वारा मसूरी आसानी से पहुचा जा सकता है ।
रेल मार्ग से (By Train) - सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन है जोकि 38 की दुरी पर स्थित है और सड़क मार्ग से सीधा जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग से (By Road) - मसूरी सभी बड़े शहरों द्वारा सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है और यहां आसानी से पहुचा जा सकता है। दिल्ली से सीधे मसूरी बस सेवा उपलब्ध है, अन्य स्थानों से देहरादून आकार यहाँ से सार्वजनिक परिवहन की सुविधाएं उपलब्ध रहती है.
कब आना चाहिए (Best Time to Mussoorie-The Queen of Hills)
मसूरी को पहाड़ों की रानी कहा जाता है यहाँ पर आप कभी भी किसी भी मौसम मैं आ सकते है, पर्यटकों का पसंदीदा समय अप्रैल से जुलाई और दिसंबर से फरवरी होता है, बरसात के समय भी कम होती है, बरसात के समय आने से बचना चाहिए बाकि आप कभी भी मसूरी आकार प्रकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते है।
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