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October 3, 2021

Nainital - The Lake City of India (नैनीताल - तालों (झीलों) का शहर)

नैनीताल - तालों (झीलों) का शहर 

(Nainital - The Lake City of India)

ताल यानि झील यांनी नैनीझील यानि नैनीताल
Nainital View from Snow View Point

नैनीताल पर्यटकों को एक रोमांचकारी और मंत्रमुग्ध करने वाला अनुभव प्रदान करती है, यही कारण है कि इसे कभी-कभी 'झीलों की रानी' कहा जाता है। प्रकृति प्रेमियों के लिए नैनीताल स्वर्ग है। नैनीताल के बारे में सबसे मनोरम पहलू इसका पहाड़ी परिवेश और शांत झील है यानि प्रकृति की लिपटा हुआ एक बहुत ही मनोरम जगह है नैनीताल, कुरकुरी ताजी हवा में चमत्कारी रूप से सम्मिश्रित फूलों की सुगंध से महकता हुआ नैनीताल को कुमाऊं का खजाना कहा जाता है, यह ब्रिटिश काल से उत्तर भारत का सबसे चर्चित हिल स्टेशनों में से एक है। समुद्र तल से 2,084 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, नैनीताल शहर न केवल घरेलू यात्रियों और पर्यटकों को बल्कि कई विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। यह हिमालय के पहाड़ों में एक चमकते हुए रत्न के रूप में चमकता है और झीलों और प्रकृति की प्रचुरता से घिरा हुआ है। इस प्रकार पृष्ठभूमि में 'पहाड़ियों' और आकर्षक झील के साथ यह स्थान अपने आगंतुकों के लिए उत्साही और उत्साही अनुभव के साथ एक शांत और अपरिवर्तनीय प्रदान करता है। देश की राजधानी दिल्ली के निकट यहाँ सबसे लोक्रपिया हिलस्टेशनों मैं से एक है, यहाँ वर्ष भर पर्यटकों की भीड़ देखी जा सकती है, नैना झील नैनीताल का मुख्या केंद्र है जिसके एक तरफ माल रोड है, दूसरी तरफ ठंडी सड़क है और इसके सामने बस स्टैंड है।

नैनीताल मैं नैनी झील मैं नौका विहार, गढ़वाली और कुमाउँनी ब्यंजनों का स्वाद, माल रोड की खरीददारी, बर्फ़बारी व्यू पॉइंट से हिमालय की सुंदरता के लिए उड़नखटोला से सवारी जैसी कुछ चीजे आप कभी नहीं भूल सकते।। 


नैनीताल का इतिहास (History of Nainital)

1814 -16 के आंग्ल-नेपाली युद्ध के बाद कुमाऊं की पहाड़ियां ब्रिटिश शासन के अधीन आ गईं और हिल स्टेशन नैनीताल की स्थापना १८४१ में हुई जब शाहजहांपुर के एक चीनी व्यापारी पी. बैरन ने पहला यूरोपीय घर बनवाया। नैनीताल की सबसे पुरानी इमारतों में नैनीताल के जंगल में छिपा हुआ सेंट जॉन चर्च शामिल है, इसके बाद 1860 में बनाया गया बेल्वेडियर, अल्मा, असडेल कॉटेज है। जल्द ही नैनीताल जिस शहर को कोई नहीं जनता था वह शहर ब्रिटिश सैनिकों और अधिकारियों के आकर्षण का केंद्र बन गया, जो अपने परिवारों के साथ मैदानी इलाकों की चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए यहाँ आने लगे। 1880 के आसपास, नैनीताल को भारत में विशिष्ट ब्रिटिश समर गेटअवे के रूप में जाना जाने लगा। 19वीं शताब्दी में, नैनीताल में कुछ प्रतिष्ठित अंग्रेजी स्कूल स्थापित किए गए, जिनमें केवल ब्रिटिश बच्चों का ही नामांकन हुआ करता था।


पौराणिक अवधारणाएं (Mythology of Nainital)  

नैनीताल का उल्लेख विभिन्न प्राचीन मिथकों और किंवदंतियों में मिलता है। नैनी झील के तट पर स्थित नैनी मंदिर का विशेष रूप से हिंदुओं के बीच बहुत महत्व रखता है क्योंकि इसे भारत के 64 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, नैनी झील जोकि यहाँ का प्रमुख आकर्षण है वहां सती की आंखें या 'नैन' गिरे, जब भगवान शिव उनके जले हुए शरीर को कैलाश ले जा रहे थे। इसलिए, इस जगह को 'नैन-ताल' या आंखों की झील के रूप में जाना जाने लगा। इस घटना की याद में, एक नैना देवी मंदिर बनाया गया था जहाँ भक्तों द्वारा देवी शक्ति की पूजा की जाती है। मंदिर नैनी झील के उत्तरी किनारे पर स्थित है और नैनीताल का एक लोकप्रिय देवी का मंदिर है। 

नौका विहार: नैनी झील नैनीताल का केंद्रबिंदु है और नौका विहार पर्यटकों और नवविवाहित जोड़ों के बीच सबसे लोकप्रिय गतिविधि मैं से एक  है। नौकायन नौका विहार का दूसरा रूप है जो नैनीताल में लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है।

खरीदारी: पर्यटकों को नैनीताल में कुछ स्थानीय बाजार जैसे बड़ा बाजार, तिब्बती बाजार और माल रोड बाजार मिल सकते हैं, जहां से कोई भी परिधान, हस्तशिल्प, कलाकृतियों और यादगार वस्तुओं की खरीदारी कर सकता है। नैनीताल के बाजार सुगंधित मोमबत्तियों, चाबी की जंजीरों, बाल मिठाई, किताबों और कृत्रिम गहनों के लिए जाने जाते हैं।

पिकनिक  स्पॉट्स और उड़नखटोला : नैनीताल में एक हवाई रोपवे है जो शहर को स्नो व्यू पॉइंट से जोड़ता है जिस से आप झील के साथ-साथ आसपास के स्थानों जैसे चाइना पीक, टिफिन टॉप और स्नो व्यू पॉइंट के लुभावने दृश्यों का आनंद ले सकते है। 

ट्रैकिंग / हाईकिंग : नैनीताल और उसके आसपास कई लंबी पैदल यात्रा के रास्ते हैं जहां साहसिक खेल प्रेमी प्रकृति की सैर कर सकते हैं। नैनीताल-बेतालघाट ट्रेक, नैनीताल-बिनायक ट्रेक, नैनीताल-कैंची ट्रेक नैनीताल-किलबरी ट्रेक और स्नो व्यू ट्रेक नैनीताल में लोकप्रिय लंबी पैदल यात्रा मार्ग हैं।


यह भी पढ़ें - उत्तराखंड के लोकप्रिय देवी मंदिर (Famous Devi Temples in Uttarakhand)


नैनीताल मैं क्या है घूमने के लिए (Must Visit Places in Nainital) 

नैनीताल में बहुत से पर्यटन स्थल हैं जो पर्यटकों की लोकप्रिय जगह है, यदि आप नैनीताल जा रहे है तो इन जगह जाना न भूलें, आइये देखते है कौन सी है ये जगहें - 

1. नैनीताल झील (Naini Lake) -  

नैनीताल झील जिसे नैनी झील के नाम से जाना जाता है, नैनीताल शहर के साथ-साथ उत्तराखंड का प्रमुख आकर्षण है। मनोरम सात पहाड़ियों से घिरी, नैनीताल झील दुनिया भर के रोमांटिक यात्रियों के बीच एक पसंदीदा स्थान है। यह भारत में सबसे अधिक देखी जाने वाली झीलों में से एक है। नैनीताल झील मैं नौकायन, कयाकिंग, नौका विहार और पैडलिंग की सुविधा उपलब्ध रहती है। पेडल और रोइंग दोनों बोट 120 रुपये प्रति घंटे पर उपलब्ध होती है। आकर्षक और सजावटी गोंडोला नाव से नैनी झील में एक चक्कर लगाने के लिए 150 रुपये लेते है। 

2. नैनीताल चिड़ियाघर (Nainital Zoo)- 

उत्तराखंड राज्य का एकमात्र चिड़ियाघर जो अच्छे से बनाया हुआ है, भारतरत्न गोविन्द भल्लब पंत हाई अल्टीट्यूड चिड़ियाघर नैनीताल नाम से जाना जाता है, नैनीताल मैं वन्यजीव् प्रेमियों के लिए यह चिड़िया घर सबसे प्रमुख आकर्षणों मैं से एक है, लगभग ५ हेक्टेयर भूमि मैं फैला हुआ है हरे भरे क्षेत्र को कवर करता है, चिड़िया घर पहाड़ ढलान पर स्थित है, नैनीताल चिड़ियाघर मैं कई लुप्तप्राय जानवरों की प्रजातियों का घर भी है, यह चिड़िया घर लगभग २१०० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जोकि कई हिमालयी जानवरों के रहने के लिए एक अनुकूल जगह है, स्थानीय भाषा मैं इसे शेर का डंडा भी कहा जाता है,  

3. नैना देवी मंदिर (Naina Devi Temple) - 

नैना देवी मंदिर हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, देवी के ६४ शक्तिपीठों मैं से एक है नैना देवी का मंदिर, नैना देवी मंदिर नैनीताल झील के उत्तरी छोर पर स्थित है, पुराणों के अनुसार भगवान शिव जब माँ पार्वती के जलते हुए शरीर को लेकर कैलाश जा रहे थे तब उनकी आँखे इसी झील मैं गिरी थी, तब से ही इस झील को नैनी झील कहते है और झील के किनारे एक मंदिर का निर्माण किया गया है नैना देवी का मंदिर, मंदिर नैनी झील के पास नैना पहाड़ी के ऊपर स्थित है और यहाँ हर साल हजारों हजारों भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण हेतु दर्शनों के लिए आते है, मंदिर के आस पास कई दुकाने है जहाँ से प्रसाद और पूजा सामग्री खरीदी जा सकती है, 


4. केबल कार या रूप-वे या उड़नखटोला (Cable Car/Rop-Way/Udankhatola)

नैनीताल में केबल कार या एरियल रोप-वे एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है, जो हर दिन सैकड़ों पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है जो पर्यटक नैनी झील के लुभावने दृश्यों का आनंद लेना चाहते हैं और नैनीताल हिल स्टेशन को पूरा देखना चाहते हैं तो हर पर्यटक को एरियल रोप-वे में साहसिक सवारी करनी चाहिए जो स्नो व्यू पॉइंट को मल्लीताल से जोड़ता है। एरियल रोप-वे में स्नो व्यू पॉइंट तक पहुंचने में 3 मिनट से भी कम समय लगता है। मगर जैसे जैसे आप इस रोपवे पर आगे आगे चलते है आस पास के नज़ारे देख कर आपको नैनीताल की बहुत की आकर्षित करने वाली सुंदरता देखने को मिलती है, रोपवे आपको मल्लीताल से मिलता है और स्नो व्यू पॉइंट तक पहुँचता है मल्लीताल नैनीताल बस स्टैंड से लगभग १.८ किमी की दुरी पर स्थित है, जहा आप आसानी से पहुंच सकते है। 

5. टिफिन टॉप (डोरोथी सीट) (Tiffin Top)

टिफिन टॉप नैनीताल का एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है, टिफ़िन टॉप जिसे डोरोथी की सीट के रूप मैं भी जाना जाता है, अयारपट्टा पहाड़ी पर स्थित टिफ़िन टॉप से नैनीताल शहर और कुमाऊं क्षेत्र का चारों और की पहाड़ियों आसपास के खेत्रों का विहंगम नजारा देखने को मिलता है, पहाड़ी के ऊपर शांत वातावरण के बीच यह पिकनिक स्थल के साथ साथ फोटो प्रेमियोँ के लिए एक शानदार जगह है, अगर आप प्रकृति के नज़रों मैं खोकर शांत वातावरण को अपने कैमरे मैं कैद करना चाहते है तो यह जगह आपके लिए स्वर्ग से काम नहीं है, टिफिन टॉप नैनीताल शहर से ४ किमी की दुरी पर स्थित है जहाँ आप पैदल यात्रा का आनंद ले सकते है या अन्य विकल्प के रूप मैं घोड़े/खच्चरों से भी यहाँ तक पहुंच सकते है।  

6. इको केव गार्डन (Echo Cave Garden) 

इको केव गार्डन नैनीताल में एक नव विकसित पर्यटन स्थल है। इको केव गार्डन का प्रबंधन कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा किया जाता है। हैंगिंग गार्डन इस जगह को और आकर्षक बनाते हैं। इको केव गार्डन देखने के लिए बच्चों का शैक्षिक भ्रमण सबसे अच्छा विकल्प है। यह पर्यटकों और बच्चों को कई पशु गुफाओं के माध्यम से हिमालयी वन्य जीवन की एक झलक प्रदान करता है। अलग-अलग आकार की गुफाएं अलग-अलग जानवरों के लिए बनाई गई हैं जो प्राकृतिक आवास की तरह दिखती हैं। यहाँ पर गुफाओं को नाम दिए गए है जैसे टाइगर गुफा, पैंथर गुफा, चमगादड़ गुफा, गिलहरी गुफा, उड़ने वाली लोमड़ी गुफा और वानर गुफा हैं।  इसमें कई गुफाएं काम हाइट की है जिनमे आपको रेंगकर और चढ़कर गुजरना पड़ता है। बच्चे इन जानकारीपूर्ण गुफाओं को पसंद करते हैं क्योंकि सभी गुफाएं साहसिक और मस्ती से भरी होती हैं। इको केव गार्डन में एक संगीतमय फव्वारा भी मौजूद है, लेकिन यह केवल पीक सीजन में ही चालू रहता है। इको केव गार्डन नैनीताल में स्थित है यह नैनीताल शहर के माल रोड से १ किमी दूर मल्लीताल क्षेत्र के सुखाताल क्षेत्र में स्थित है।

7. स्नो व्यू पॉइंट (Snow View Point) -

स्नो व्यू पॉइंट पर्यटकों के लिए नैनीताल से शानदार हिमालय को देखने के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय जगहों मैं से एक है। मल्लीताल की पहाड़ियों मैं बसा है स्नो व्यू पॉइंट, नैनीताल में सबसे अच्छे व्यू पॉइंट के रूप में जाना जाने वाला स्नो व्यू पॉइंट पर्यटकों को नंदा देवी, त्रिशूल और नंदा कोट जैसे बर्फ से ढके पहाड़ों के उत्कृष्ट दृश्यों के लिए जाना जाता है। स्नो व्यू पॉइंट सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है लेकिन मल्लीताल से हवाई रोपवे में एक साहसिक विकल्प हमेशा पर्यटकों की पहली पसंद है, पैदल मार्ग का विकल्प भी पर्यटकों को पसंद है ४ किमी ट्रैकिंग करके आप यहाँ पहुंच सकते है। मुख्य नैनीताल शहर से सिर्फ 4 किमी की दूरी पर स्थित स्नो व्यू पॉइंट, यहाँ पर बड़ी दूरबीन, चाय और नाश्ते की दुकानें आदि जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्नो व्यू पॉइंट के निकट ही गेलुकपा क्रम का एक तिब्बती मठ गढ़न कुंक्योप लिंग गोम्पा भी देखने योग्य स्थान है।

8. नैना पीक / चाइना पीक / चीना पीक (Naina Peak / China Peak / China Peak)

नैनीताल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों मैं से एक है नैना पीक जो सबसे ऊँची छोटी पर है। स्थानीय लोग इस चोटी को चाइना पीक और चीना पीक भी कहते है। अधिक ऊंचाई और हरे भरे जंगल पथ के कारण नैना पीक नैनीताल में यात्रियों के बीच ट्रेकिंग के लिए पसंदीदा जगहों मैं से एक है।  नैना पीक नैनीताल शहर, हिमालय और कुमाऊं क्षेत्र के विशाल विस्तार का एक बहुत ही शानदार विहंगम दृश्य प्रदान करता है। पैदल चलने वाले पर्यटकों का यह पसंदीदा ट्रैक है जहाँ पैदल चलते हुये ताजी हवा में सांस लेते हुए प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते है। नैना या चाइना पीक पर ट्रैकिंग सबसे आरामदायक सफर है क्योंकि बुरांश के जंगल, ऊँचे देवदार और सरु के पेड़ों के बीच शानदार ताजी पहाड़ी हवा का आनंद ले सकते है। नैना चोटी के ऊपर से हिमालय की सुंदरता को नजदीक से देखा जा सकता है। नैना पीक से नैनीताल शहर का विहंगम दृश्य शानदार है। नैना पीक मल्लीताल से 6 किमी की दूरी पर स्थित है और यहां मल्लीताल या स्नो व्यू पॉइंट से ट्रेक या खच्चर/घोड़ों से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

9. सरियातल (Sariyatal)

सरियाताल जिसे 'सरिताताल' के रूप में भी जाना जाता है, यहाँ पर सुबह की सूर्य की किरणों का दिल के आकर की झील के शांत पानी पर पड़ना एक बहुत विहंगम दृश्य होता है। सरियाताल हिमालयन बॉटनिकल गार्डन के लिए भी प्रसिद्ध है, जो वैज्ञानिकों और वनस्पति विज्ञानियों के लिए एक प्रमुख केंद्र है जो आगंतुकों के लिए खुला है। उत्तराखंड वन विभाग द्वारा संचालित, झील के किनारे स्थित हिमालयन बॉटनिकल गार्डन में एक तितली पार्क, पुस्तकालय, हर्बेरियम, फ़र्मरी और एक सभागार भी है। २० रुपये का न्यूनतम शुल्क देकर आप बॉटनिकल गार्डन में कई दुर्लभ और लुप्तप्राय देशी पौधों की प्रजातियों के साथ ऑर्किडेरियम, हर्बेरियम, थुनिया अल्बा आर्किड, जियोडेसिक डोम, झरने देख सकते हैं। सरियाताल खुर्पाताल से 2 किमी की दूरी पर कालाढूंगी के रास्ते में स्थित है। सरियाताल नैनीताल बस स्टैंड से केवल 8 किमी दूर है, जहाँ से आप झील के किनारे तक पहुँचने के लिए किराये पर टैक्सी ले सकते हैं।

10. खुर्पाताल (Khurpatal)

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है खुर्पाताल की सुन्दर प्राकृतिक नीली-हरी झील । यह ऊंचे चीड़ और पुराने देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है जो पहाड़ों का एक भव्य शानदार दृश्य पेश करता हैं। खुर्पाताल, समुद्र तल से 1,635 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, प्रकृति का यह खूबसूरत टुकड़ा नैनीताल से सिर्फ 12 किमी दूर है और यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। परियों के स्वर्ग के रूप में प्रसिद्ध है खुरपाताल, चूंकि पूरे वर्ष मौसम सुहावना रहता है तो यहाँ पर आप कभी भी ट्रैकिंग कर सकते है कालाढूंगी रोड के रस्ते मैं खुर्पाताल की शांत झील है। झील शहर नैनीताल में बसे होने के कारण, प्राचीन खुर्पाताल झील तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। 


11. किल्बुरी (Kulbury) 

किल्बुरी उत्तराखंड के नैनीताल में पक्षी मार्ग के रूप में प्रसिद्ध है। नैनीताल में एक शानदार पिकनिक स्थल के रूप में विकसित, किल्बुरी निश्चित रूप से पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। आगंतुकों को उनके प्राकृतिक आवासों में पक्षियों की प्रजातियों की एक विस्तृत श्रृंखला को निकटता के साथ देखने का अवसर मिलता है। यह कई पक्षियों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध नैना देवी हिमालयन बर्ड रिजर्व का घर भी है। पर्यटक ओक, चीड़ और रोडोडेंड्रोन के जंगलों में पक्षियों की चहकती ध्वनि का आनंद लेते हैं। 2528 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, किल्बुरी पक्षियों की विस्तृत प्रजातियों को देखने और उन्हें कैमरे में कैद करने के लिए एक आदर्श स्थान है। किल्बुरी को सुंदर जंगल में रहने वाले पक्षियों की 580 से अधिक प्रजातियों के लिए भी जाना जाता है। किल्बुरी मैं कॉलर ग्रोसबीक्स, फोर्कटेल, ब्राउन वुड-उल्लू, व्हाइट-थ्रोटेड लाफिंग थ्रश जैसे पक्षी और कई अन्य पक्षियोँ को आसानी से देखा जा सकता है।  किल्बुरी पोंगट गांव से पहले नैनीताल से 13 किमी की दूरी पर स्थित है। नैनीताल या मल्लीताल से किराए पर नियमित साझा टैक्सी या टैक्सी उपलब्ध हैं।

12. कैंची धाम (Kainchi Dham) 

कैंची धाम एक हनुमान मंदिर और आश्रम है जिसे 1960 के दशक में एक महान संत नीम करोली बाबा द्वारा स्थापित किया गया था। यह एक पवित्र मंदिर है जो पहाड़ियों और पेड़ों से घिरा हुआ है और इसके अलावा पास मैं बहने वाली नदी है। आप आश्रम में हनुमान जी की महान शक्ति और उपस्थिति को महसूस कर सकते हैं। इस स्थान को प्रसिद्ध नीम करोली बाबा के आश्रम के कारण पहचान मिली है। यह दो पहाड़ियों के बीच में स्थित है जो कैंची का आकार बनाते हुए एक दूसरे को काटती है । इसलिए इस जगह को "कैंची धाम" कहा जाता है। 70 के दशक में स्टीव जॉब्स (एप्पल के पूर्व सीईओ) ने एक बार इस मंदिर का दौरा किया था और ध्यान लगाया था साथ ही मार्क जुकरबर्ग (फेसबुक के सीईओ) ने भी इस जगह का दौरा किया था। हर साल 15 जून को आश्रम द्वारा मेले का आयोजन किया जाता है जो स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। कैंची धाम नैनीताल से १७ किमी की दुरी पर अल्मोड़ा रोड पर स्थित है, नैनीताल और अल्मोड़ा से टैक्सी या बस द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। 


13. भीमताल (Bhimtal) -  

नैनीताल से २३ किमी की दुरी पर स्थित है भीमताल, ४५०० फीट की ऊंचाई पर स्थित है, यह एक सी आकार की झील है जो की लगभग ४७ हेक्टेयर के क्षेत्र मैं फैली हुई है, भीमताल झील के केंद्र मैं एक मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है, इस झील मैं विभिन्न प्रकार की मछलिया पायी जाती है। यह झील भीमताल शहर की पीने के पानी की आपूर्ति करती है। भीमताल झील के शांत पानी में नौका विहार एक ऐसी गतिविधि है जिसका अनुभव सभी को करना चाहिए। घने जंगलों का विहंगम दृश्य और साफ नीले आसमान के नीचे झील का जगमगाता पानी एक ऐसा नजारा है जो आपको कही और देखने को नहीं मिल सकता है। झील के केंद्र में छोटे-छोटे द्वीप तक पहुँचने के लिए नौका विहार एकमात्र रास्ता है जिसमें प्रसिद्ध एक भीमताल एक्वेरियम भी है। पेडल बोटिंग का भी विकल्प यहाँ पर उपलब्ध है, नौका विहार प्रतिदिन सुबह 09:00 बजे से शाम 06:00 बजे के बीच किया जा सकता है; नौका विहार 150 प्रति व्यक्ति से शुरू होती है। यहाँ पर आप बोटिंग के साथ साथ ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग (यहाँ से ४ किमी आगे नौकुचियताल मैं उपलब्ध है), पहाड़ों पर साइक्लिंग, वाटर बॉल, घुड़सवारी आदि का भी आनंद ले सकते है।    

14. सातताल (Sattal)

सातताल नैनीताल से लगभग २३ किमी की दुरी पर स्थित सात मीठे पानी की रहस्यमयी ढंग से जुड़ी हुई झीलों का समूह है। सातताल समुद्र तल से १३७० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो प्रकृति के वैभव को प्रस्तुत करता है। झीलों का समूह ओक और देवदार के पेड़ों के घने जंगलों के बीच स्थित है। सात्ताल जिसका शाब्दिक अर्थ है 'सात झीलें' एक दर्शनीय स्थान है जो रमणीय वातावरण को प्रदर्शित करता है जो रमणीय वातावरण से प्रभावित होता है।  सातताल प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है। सातताल की सात झीलों के नाम हैं पूर्ण ताल, राम ताल, सीता ताल, लक्ष्मण ताल, नल दमयंती ताल, सुख ताल और गरुड़ ताल। सत्ताल की तुलना अक्सर इंग्लैंड की वेस्टमोर नामक स्थान से की जाती है। ये झीलें प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग हैं क्योंकि वे प्रवास के दौरान यहां कुछ समय के लिए रुकती हैं। ये पक्षी हिमालय के निचले क्षेत्रों की ओर पलायन करके महान हिमालयी क्षेत्र की कठोर ठंड से बचने की कोशिश मैं यहाँ प्रवास करते हैं। यदि आप पक्षी प्रेमी फोटोग्राफर हैं तो यह आपके लिए एक आदर्श स्थान है। यदि आप साहसिक खेल प्रेमी है तो ये जगह आपको और भी आकर्षित करती हैं क्योंकि सातताल के आसपास की हरी-भरी पहाड़ियाँ बोटिंग, एंगलिंग, ट्रेकिंग, रैपलिंग, माउंटेन बाइकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग जैसी और बहुत साहसिक गतिविधियां उपलब्ध है। 

15. पंगोट (Pangot)- 

नैनीताल से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंगोट उत्तराखंड के नैनीताल जिले की कोसियाकुटोली तहसील में स्थित एक छोटा और मनोरम गांव है। यह गांव समुद्र तल से 6,300 फीट की ऊंचाई पर है और पूरे देश में अपने समृद्ध और विदेशी पक्षी जीवन के लिए जाना जाता है। पंगोट फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी एक केंद्र बन जाता है, जब ऊपरी हिमालय में कठोर सर्दियों के दौरान पक्षियों की सैकड़ों विभिन्न प्रजातियाँ यहाँ झुंड में आती हैं और अस्थायी रूप से यहाँ बस जाती हैं। पंगोट के जंगल में एक कदम, और आप अपने आप को एक सुदूर हिमालयी गाँव के बीच में पाएंगे। इस अद्भुत क्षेत्र तक पहुँचने वाला पूरा ड्राइव स्नो व्यू पॉइंट और किलबरी के माध्यम से चीन्ना पीक रेंज के वन क्षेत्रों से होकर गुजरता है, दोनों ही पक्षी और पक्षी के लिए प्रसिद्ध और उत्कृष्ट निवास स्थान हैं। पंगोट के रास्ते में पक्षियों की असंख्य प्रजातियों को देखा जा सकता है। इनमें से कुछ में रूफस-बेलिड वुडपेकर, चित्तीदार शामिल हैं


कैसे पहुचे (Best Time to Visit Nainital-The Lake City of India)

हवाई मार्ग से (By Air) - नैनीताल के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट का नाम पंत नगर है जहाँ से सड़क मार्ग द्वारा नैनीताल पहुचा जा सकता है ।
रेल मार्ग से (By Train) - सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो सड़क मार्ग से सीधा जुड़ा हुआ है.
सड़क मार्ग से (By Road) - नैनीताल सभी बड़े शहरों द्वारा सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है और यहां आसानी से पहुचा जा सकता है। दिल्ली देहरादून से सार्वजनिक परिवहन की सुविधाएं हर समय उपलब्ध रहती है. 


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