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September 22, 2021

ऋषिकेश योगनगरी (Rishikesh - Yoga Capital of The World)

ऋषिकेश - योगनगरी 

(Rishikesh - Yoga Capital of the World)


ऋषिकेश - योगनगरी (Rishikesh - Yoga Capital of The World), हिन्दू तीर्थ नगरी, हिमालय का द्वार, पर्वतों से मैदानों की और गंगा का उद्गम स्थल, ऋषि मुनियों की भूमि, भगवान् राम और लक्ष्मण से जुड़े इतिहास, शिव का नीलकंठ, कैम्पिंग, राफ्टिंग आदि कई वजहों से जाना जाता है उत्तराखंड के देहरादून जिले का एक नगरनिगम तथा तहसील है। यह गढ़वाल हिमालय का प्रवेश्द्वार एवं योग की वैश्विक राजधानी भी है। ऋषिकेश, हरिद्वार से 25 किमी उत्तर में और देहरादून से 43 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है, ऋषिकेश हिमालय का प्रवेश द्वार है जहाँ पहुँचकर गंगा शिवालिक पहाड़ियों को पीछे छोड़कर पुरे भारत के कल्याण हेतु समतल की तरफ आगे बढ़ जाती है। ऋषिकेश अपने शान्त वातावरण के कई विख्यात आश्रमों का घर है। समुद्र तल से 1360 फीट की ऊँचाई पर स्थित ऋषिकेश भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में एक है।

राजाजी नेशनल पार्क के मणिकूट पर्वत की पहाड़ियों की प्राकृतिक सुंदरता, सामने ही नरेंद्र नगर कुंजापुरी देवी की पर्वत श्रृंखलाएं, हिमालय की निचली पहाड़ियों और प्राकृतिक सुन्दरता से घिरे इस धार्मिक स्थान से बहती गंगा नदी इसे अतुल्य बनाती है। ऋषिकेश को केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार माना जाता है। कहा जाता है कि इस स्थान पर ध्यान लगाने से मोक्ष प्राप्त होता है। हर साल यहाँ के आश्रमों के बड़ी संख्या में तीर्थयात्री ध्यान लगाने और मन की शान्ति के लिए आते हैं। विदेशी पर्यटक भी यहाँ आध्यात्मिक सुख की चाह में नियमित रूप से आते रहते हैं, साथ ही भारी संख्या मैं राफ्टिंग, कैम्पिंग, ट्रैकिंग हेतु पर्यटक यहाँ पहुंचते है, आस पास की बात करें तो यहाँ पर नजदीक ही करीब ४० किमी दूर नीलकंठ महादेव का मंदिर है जो की शिव भक्तों का एक बहुत बड़ा तीर्थ भी है सावन माह मैं यहाँ भीड़ देख कर ही भक्तों की आस्था का पता चलता है।   

ऋषिकेश बीटल्स एक प्रसिद्ध अंग्रेजी रॉक बैंड के साथ अपने संबंध के लिए भी जाना जाता है। फरवरी 1968 में, प्रसिद्ध अंग्रेजी रॉक बैंड के सदस्यों ने पारलौकिक ध्यान सीखने के लिए महर्षि महेश योगी के आश्रम (अब बीटल्स आश्रम के रूप में जाना जाता है) का दौरा किया। बैंड ने अपने समय के दौरान महर्षि के आश्रम में लगभग 48 गीतों की रचना की थी जो आज भी प्रसिद्ध है। इसी कारण से देश ही नहीं विदेश मैं भी प्रसिद्ध है दी बीटल्स आश्रम।  

पौराणिक कथाओ मैं ऋषिकेश - 

कहा जाता है की एक संत रिहाना ऋषि ने गंगा नदी के किनारे तपस्या की थी तद्पश्चात भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर ऋषिकेश रूप मैं रिहाना ऋषि को दर्शन दिए थे इस कारण यहाँ का नाम ऋषिकेश पड़ा। ऋषिकेश पौराणिक “केदारखंड” का भाग है, ऋषिकेश से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं। ऐसा कहा जाता है कि ऋषिकेश का उल्लेख प्राचीन ग्रंथ स्कंद पुराण और महाकाव्य रामायण में मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम अपने भाइयों के साथ रावण का वध करने के बाद तपस्या करने के लिए ऋषिकेश आए थे।


क्या है खास ऋषिकेश मैं -  

ऋषिकेश के लोकप्रिय मंदिर (Famous Temples in Rishikesh)  

ऋषिकेश योग की राजधानी के नाम से विश्व प्रसिद्ध है साथ ही हिन्दुओ की पवित्र तीर्थ नगरी भी है आइये देखते है क्या क्या है प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है ऋषिकेश मैं - 


नीलकंठ महादेव मंदिर - (Neelkanth Mahadev Temple)

भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रतिष्ठित हिंदू स्थलों में से एक है। पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर क्षेत्र में स्वर्गाश्रम से लगभग ३०-३५ किमी दूर स्थित है, ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव ने पौराणिक 'अमृत मंथन' के बाद समुद्र मंथन से निकले विष को पिया था। इस विष की वजह से उनका गला नीला पड़ गया था और यही वजह है कि इस मंदिर का नाम नीलकंठ महादेव रखा गया। तीर्थयात्री इस मंदिर में गंगा जल चढ़ाते हैं।


त्रयंबकेश्वर मंदिर - (Trayambakeshwar Temple Rishikesh) 

त्र्यंबकेश्वर को तेरा मंजिल मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। त्र्यंबकेश्वर एक 13 मंजिला मंदिर है जो गंगा नदी के तट पर स्थित है। यहां के प्रमुख देवता भगवान शिव हैं। त्र्यंबकेश्वर मंदिर ऋषिकेश के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है, जो लक्ष्मण झूला से दिखाई देता है। अपनी आकर्षक वास्तुकला के लिए लोकप्रिय इस मंदिर की 13वीं मंजिल से आप मनोरम दृश्य भी देख सकते हैं।


भारत मंदिर - (Bharat Temple Rishikesh)

12 वीं शताब्दी में आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित, मंदिर में भगवान विष्णु को सालिग्राम के एक टुकड़े से उकेरा गया है। मंदिर की भीतरी छतरी में श्री यंत्र है। मंदिर की वास्तुकला और आंतरिक सज्जा का विवरण केराखंड के प्राचीन अभिलेखों में मिलता है। तैमूर द्वारा नष्ट किए गए मूल मंदिर के खंडहरों का फिर से पुनर्निर्माण किया गया था। उत्खनन से इस स्थल से कई पुरानी मूर्तियाँ, प्राचीन बर्तन और सिक्के प्राप्त हुए हैं।


कुंजापुरी देवी मंदिर - (Kunjapuri Devi Temple Rishikesh)

ऋषिकेश से १५ किमी दूर में कुंजापुरी मंदिर देवी सती जो कि शिव की पहली पत्नी थी और देवी पार्वती के अवतार को समर्पित है। यह शक्ति पीठों में से एक है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव उनके शव के साथ पूरे ब्रह्मांड की यात्रा कर रहे थे, तो सती का एक अंग इस स्थान पर गिरा था।


रघुनाथ मंदिर - (Raghunath Temple Rishikesh)

त्रिवेणी घाट पर स्थित, जहां हर शाम गंगा आरती होती है, ऋषिकेश में रघुनाथ मंदिर हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। रघुनाथ मंदिर भगवान राम और देवी सीता को समर्पित है। इस मंदिर के पास ही एक पवित्र तालाब ऋषिकुंड भी है।


हनुमान मंदिर - (Hanuman Mandir Rishikesh)

हनुमान मंदिर को ऋषिकेश में अधिक लोकप्रिय मंदिरों में से एक माना जाता है। यहां के हनुमान मंदिर में मंगलवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है, साथ ही आमतौर पर बहुत व्यस्त दिन भी होता है, क्योंकि यहां इस दिन कई अनुष्ठान होते हैं। यहां होने वाली गंगा आरती भी एक प्रमुख आकर्षण है।


शत्रुघ्न मंदिर - (Shatrughna Mandir Rishikesh)

शत्रुघ्न मंदिर महाकाव्य रामायण के शत्रुघ्न को समर्पित है। ऋषिकेश में इस मंदिर का निर्माण आदि शंकराचार्य ने ऋषिकेश की यात्रा के दौरान किया था। यह प्राचीन मंदिर राम झूला के पास स्थित है।


भूतनाथ मंदिर - (Bhootnath Temple Rishikesh)

ऋषिकेश में यह अलग-थलग मंदिर तीन तरफ से राजाजी नेशनल पार्क और दूसरी तरफ गंगा नदी के किनारे ऋषिकेश शहर से घिरा हुआ है। मंदिर के ऊपर से शानदार आप शहर का शानदार दृश्य देख सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है क्योंकि उन्हें देवी सीता की बारात के दौरान यहीं विश्राम किया था।


लक्ष्मण मंदिर - (Lakshman Temple Rishikesh)

ऋषिकेश में लक्ष्मण मंदिर की जड़ें रामायण के समय से जुडी हुई हैं। ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मण और राम को यहां ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। माना जाता है कि जूट पुल जिसे अब लक्ष्मण झूला कहा जाता है, का निर्माण राम और लक्ष्मण ने किया था। इस मंदिर तक स्थानीय परिवहन जैसे कैब या ऑटो द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। इस मंदिर को सुशोभित करने वाली प्राचीन मूर्तियों और चित्रों को देखने के लिए इस मंदिर में जरूर जाएं।


मां विंध्यवासिनी देवी सिद्धपीठ (Vindhyavasini Temple Rishikesh) 

ऋषिकेश से १५  किमी और गंगा भोगपुर से ५ किमी दूर, ताल घाटी, यमकेवश्वर ब्लॉक मैं राजाजी नेशनल के जंगल में विदासनी नामक स्थान पर स्थित है मां विंध्यवासिनी देवी का मंदिर। यह मंदिर सिद्धि साधना के लिए भी जाना जाता है. कंस के वध की भविष्यवाणी के बाद यशोदा की बेटी इसी स्थान पर गिरी थीं. यहां पर गुड़ की भेली चढ़ाने और मां विंध्यवासिनी के दर्शन मात्र करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही माता सभी की मनोकामनाएं भी पूरी करती हैं


ऋषिकेश मैं प्रमुख घूमने की जगहें (Popular Place in Rishikesh) -


लक्ष्मण झूला (Lakshman Jhula Rishikesh) - 

लक्ष्मण झूला गंगा नदी के ऊपर बना एक प्रसिद्ध हैंगिंग ब्रिज है, जो टिहरी गढ़वाल जिले के तपोवन और पौड़ी गढ़वाल जिले के जोंक को जोड़ता है। लक्ष्मण झूला ऋषिकेश शहर के उत्तर-पूर्व में 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पूरा पुल लोहे से बना हुआ है और यह 450 फुट लंबा और गंगा नदी से 70 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। माना जाता है कि भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने इसी स्थान पर गंगा नदी को पार किया था, जहां अब पुल पर्यटकों के लिए बनाया गया है। लक्ष्मण झूला का निर्माण 1929 में किया गया था। 


त्रिवेणी घाट (Triveni Ghat)- 

गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट तीन पवित्र नदियों- गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम स्थल है। इन नदियों को हिंदू धर्म में असाधारण रूप से पवित्र और शुद्ध माना जाता है। मान्यता है कि त्रिवेणी घाट पर पवित्र जल में डुबकी लगाने से व्यक्ति का अंतर्मन शुद्ध हो जाता है सभी पापों, चिंताओं और भय से मुक्ति मिल जाती है। इस घाट पर शाम की आरती के दौरान अद्भुत नजारा देखने को मिलता है जो आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है। जब आप ऋषिकेश घूमने जाएं तो विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती में भाग जरूर लें और नदी में तैरते दीपकों के दर्शन अवश्य करें।


वशिष्ठ गुफा (Vashistha Gufa Rishikesh)-  

वशिष्ठ गुफा एक प्राचीन गुफा है जहां भगवान ब्रह्मा के मानव पुत्र ऋषि वशिष्ठ ने ध्यान किया था। कथाओं के अनुसार ऋषि अपने सभी बच्चों को खोने के बाद बेहद उदास थे और उन्होंने आत्महत्या करने का फैसला किया लेकिन गंगा नदी ने उन्हें मरने नहीं दिया। अत:, उन्होंने गुफा में रहने और ध्यान करने का फैसला किया। गुफा में एक शिवलिंग है।


स्वर्गाश्रम (Swargashram Rishikesh)- 

‘स्वर्ग आश्रम’ को स्वामी विशुद्धानंद की याद में बनवाया गया था। इसे काली कमली वाला के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वे हमेशा काले रंग का कम्बल ओढ़े रहते थे। राम झूला और लक्ष्मण झूला के बीच स्थित, भारत का यह सबसे पुराना आश्रम है। इस आश्रम से सूर्यास्त का नजारा देखने के लिए पर्यटक जुटते हैं। यहां योग और ध्यान करने के लिए 300 रुपए का शुल्क लगता है।


बीटल्स आश्रम (The Beatals Ashram Rishikesh)- 

प्रारम्भ में इस आश्रम को महर्षि महेश योगी आश्रम के नाम से जाना जाता था। 1968 में बीटल्स द्वारा आश्रम का दौरा करने के बाद इसका नाम बीटल्स रखा गया। यह अब राजाजी नैशनल पार्क में स्थित एक ईको-फ्रैंडली पर्यटन आकर्षण है और गंगा नदी के निकट स्थित एक शांत वातावरण प्रदान करता है, जहां बैठकर लोग मैडिटेशन करते हैं। इसके अलावा प्रकृति की सैर, ट्रैकिंग और बर्ड वॉचिंग सैशन भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। बीटल्स आश्रम में प्रवेश के लिए भारतीयों को 150 रुपए और विदेशियों को 600 रुपए का टिकट लेना पड़ता है।


ऋषिकुंड (Rishikund Rishikesh) - 

‘ऋषि कुंड’ एक प्राकृतिक गर्म पानी का तालाब है, जिसे शहर में एक पवित्र जल निकाय माना जाता है। मान्यता है कि यमुना नदी के आशीर्वाद के बाद एक ऋषि ने इस तालाब को पानी से भरा था। स्थानीय लोगों का यह भी मानना है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान कुंड में स्नान किया था और इस स्थान पर गंगा और यमुना एक-दूसरे से मिलती हैं। ऋषिकेश आने वाले पर्यटक ऋषि कुंड में स्नान जरूर करते हैं।


नीर झरना (Neer Waterfall, Rishikesh) - 

ऋषिकेश में बद्रीनाथ रोड पर स्थित एक प्राकृतिक झरना है नीर वॉटरफॉल, जो की हर समय ही पर्यटकों से गुलजार रहता है, नीर वाटरफॉल से पहले आपको 2 छोटे छोटे झरने ओर मिलेंगे । ऋषिकेश से बद्रीनाथ रोड पर करीबन 6 किलोमीटर पर मैन रोड पर ही हरे भरे जंगलो और पहाड़ियों के बीच प्रकृति की गोद में है ठंडे पानी का यह झरना । इसका टिकट 30 रुपये प्रति व्यक्ति है । अगर आप कभी ऋषिकेश जाए तो यहां जरूर जाए ।


परमार्थ निकेतन आश्रम - (Parmarth Niketan Rishikesh)

अगर आप धार्मिक श्रद्धा से ऋषिकेश आ रहे हैं तो परमार्थ निकेतन आश्रम जरूर जाएं यह आश्रम धर्म और अध्यात्म को समर्पित ऋषिकेश का एक महत्वपूर्ण स्थान है यहां पर आप योगा सत्संग आध्यात्मिक कार्यक्रम कीर्तन इन सभी में हिस्सा ले सकते है, साथ यहाँ की शाम की गंगा आरती देखते ही बनती है, 


रिवर राफ्टिंग और बंजी जम्पिंग, कैंपिंग, ट्रैकिंग - 

अगर आपको एडवैंचर पसंद है और आप कुछ हट कर आनंद लेना चाहते हैं तो ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग से लेकर बंजी जम्पिंग का लुत्फ भी उठा सकते हैं। साथ ही कैंपिंग, ट्रैकिंग आदि का भी लुप्त उठा सकते है, यहाँ पर कुछ ही सालों मैं सैकड़ों कैम्पिंग साइट्स कुल गयी है नीलकंठ रोड पर ही सैकड़ों कैंप है जो की राफ्टिंग, कैंपिंग, ट्रैकिंग, बॉन फायर आदि सारी सुविधाएँ उपलब्ध करवाते है, बंजी जम्पिंग का ऋषिकेश से लगभग 20 किलोमीटर दूर मोहनचट्टी पर स्थित है जो आपके जीवन का सबसे रोमांचकारी अनुभव साबित हो सकता है।


कैसे पहुंचे (How to Reach Rishikesh) 

हवाई मार्ग से (By Air) - ऋषिकेश के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट का नाम जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जहाँ से सड़क मार्ग द्वारा ऋषिकेश आसानी से पहुचा जा सकता है ।
रेल मार्ग से (By Train) - सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है दूसरा सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार है जो सड़क मार्ग से सीधा जुड़ा हुआ है। 
सड़क मार्ग से (By Road) - ऋषिकेश सभी बड़े शहरों द्वारा सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है और यहां आसानी से पहुचा जा सकता है। दिल्ली व् अन्य बड़े शहरों से यहाँ के लिए सार्वजनिक परिवहन की सुविधाएं हर समय उपलब्ध रहती है.

कब आना चाहिए (Best Time to Reach Rishikesh-Yoga Capital of The World)

ऋषिकेश को गढ़वाल हिमालय का द्वार भी कहा जाता है यहाँ पर आप कभी भी किसी भी मौसम मैं आ सकते है, परन्तु यदि विशेष रूप से राफ्टिंग, कैंपिंग और ट्रैकिंग के लिए आ रहें है तो बरसात के मौसम मैं राफ्टिंग बंद रहती है तो पहले पता करके ही राफ्टिंग के लिए आने का प्लान बनायें।  


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