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September 15, 2021

राजाजी नैशनल पार्क (Rajaji National Park, Dehradun)

राजाजी नैशनल पार्क 

(Rajaji National Park, Dehradun)

Rajaji National Park, Dehradun

राजाजी नेशनल उद्यान उत्तराखंड राज्य के तीन जिलों के देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल जिले के वन क्षेत्रों मैं फैला हुआ है जो की हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रृंखला के समीप और कुछ भाग मणिकूट पर्वत मैं भी फैला हुआ है, यह उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है और भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान भी है।।  सुरम्य सौंदर्य और पार्क की समृद्ध जैव विविधता प्रकृति प्रेमियों के साथ-साथ वन्यजीव उत्साही दोनों के लिए अपने प्रमुख आकर्षण के रूप में काम करती है। 1983 से पहले इस क्षेत्र में फैले जंगलों में तीन अभयारण्य थे- राजाजी,मोतीचूर और चिल्ला। 1983 में इन तीनों को मिला दिया गया। महान स्वतंत्रता सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नाम पर इसका नाम राजाजी राष्ट्रीय उद्यान रखा गया। 830 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला राजाजी राष्ट्रीय उद्यान अपने यहाँ पाए जाने वाले हाथियों की संख्या के लिए जाना जाता है। इसके अलावा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में हिरन, चीते, सांभर और मोर भी पाए जाते हैं। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की 315 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।  

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान को 15 अप्रैल 2015 को भारत के प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत टाइगर रिज़र्व घोषित कर दिया गया और उसके बाद यह राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड का दूसरा टाइगर रिज़र्व है। राजाजी टाइगर रिज़र्व के में 2015-16 की बाघ गणना के अनुसार 34 बाघ और 5 शावक है, बाघों के अलावा इस टाइगर रिज़र्व में हाथी आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। वर्तमान में इस अभ्यारण्य में हाथियों की संख्या 500 से ज्यादा है, अगर आप की किस्मत अच्छी हुई तो यहाँ हाथियों का झुंड देखने को मिल सकता है। बाघ और हाथी के अलावा तेंदुआ भी इस टाइगर रिज़र्व का मुख्य शिकारी है, यहाँ तेंदुओं की संख्या 200 से ज्यादा है। इस राष्ट्रीय उद्यान में चीतल के बड़े-बड़े झुंड दिखाई देना भी एक सुखद अनुभव प्रदान करता है। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का प्राकृतिक निवास स्थान है यहाँ एशियाई हाथी, बाघ, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, धारीदार लकड़बग्गा, भारतीय हर, आलसी भालू, हिमालयन काले भालू, किंग कोबरा, सियार, लोमड़ी, गोरल, बार्किंग हिरण, सांभर, चीतल, जंगली सुअर, रीसस मकाक, बंदर, भारतीय लंगूर, साही, मॉनिटर छिपकली और अजगर जैसे वन्यजीव आसानी से देखे जा सकते है।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में जिसे प्रकार से स्तनपाई वन्यजीवों से भरपूर है उसी तरह यहाँ के घने जंगल पक्षियों के लिए भी उतना अनुकूल वातावरण प्रदान करते है। राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 315 से ज्यादा देशी और विदेशों प्रजातियों के पक्षी पाये जाते है। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में प्रमुख रूप से पाये जाने वाले पक्षियों में गिद्ध, कठफोड़वा, किंगफिशर, तीतर, मटर फाउल, बारबेट आदि प्रजातियां पूरे वर्ष पाई जाती है। उद्यान में पाये जाने वाले पक्षियों की प्रजातियों में क्रेस्टेड किंगफिशर, एशियन पैराडाइज फ्लाईकैचर, ग्रेट पाइड हॉर्नबिल, ओरिएंटल पाइड हॉर्नबिल, स्पॉटेड फोर्किटेल, ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो, लेस्स रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो, पाइड किंगफिशर, क्रिमसन सनबर्ड और फायर-टेल सनबर्ड जैसे पक्षी प्रमुखता से पाये जाते है। 

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान 15 नवंबर से 15 जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। अधिक बारिश के कारण वर्ष के बाकी महीनों में उद्यान पर्यटकों के लिए बंद रहता है। राष्ट्रीय उद्यान में सफारी का समय कुल 3 घंटे रहता है।

कैसे पहुंचे (How to Reach Rajaji National Park) 

हवाई मार्ग से - राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। देश के प्रमुख शहरों से जॉली ग्रांट एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी भी बहुत बढ़िया है। अगर आप किसी दूसरे देश से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा कर रहे है तो दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। दिल्ली से आपको सबसे पहले हरिद्वार के लिए रेल, बस ओर कैब की अच्छी सुविधा मिल जाएगी हरिद्वार से आप कैब या ऑटो के द्वारा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान आसानी पहुंच सकते है।

रेल मार्ग से- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार और देहरादून के रेल्वे स्टेशन है। हरिद्वार से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की दूरी 23 किलोमीटर है और देहरादून से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की दूरी 60 किलोमीटर है। दोनों जगहों से आप को कैब या ऑटो आसानी से मिल जाएगा।

सड़क मार्ग से- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान आने के लिए आप को सबसे पहले हरिद्वार आना पड़ेगा। हरिद्वार से आप को राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के लिए कैब या ऑटो आसानी से मिल जाएगा। भारत के किसी भी कोने से आप हरिद्वार सड़क मार्ग द्वारा बहुत आसानी से पहुंच सकते है। उत्तर भारत के प्रमुख शहरों से हरिद्वार की कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है दिल्ली, जयपुर और आगरा जैसे शहरों से हरिद्वार आने के लिए नियमित निजी बस सेवा और सरकारी बस उपलब्ध है। आप अपने निजी वाहन या फिर कैब के द्वारा भी बहुत आसानी से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान पहुँच सकते है।

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