झूला देवी मंदिर
(Jhula Devi Temple, Ranikhet)
उत्तराखंड के रानीखेत मैं स्थित झूला देवी का पौराणिक मंदिर। पवित्र मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित हैऔर इसे झूला देवी के रूप में नामित किया गया है क्योंकि यहाँ प्रसिद्ध देवी को पालने पर बैठा देखा जाता है। मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर 700 वर्ष पुराना है और 1959 में मूल देवी चोरी हो गई थी। चिताई गोलू मंदिर की तरह, इस मंदिर को इसके परिसर में लटकी घंटियों की संख्या से पहचाना जाता है। यह माना जाता है कि झूला देवी अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं और इच्छाऐं पूरी होने के बाद भक्त यहाँ तांबे की घंटी चढाते हैं। प्रमुख त्यौहारों पर ही नहीं बल्कि हर रोज श्रद्धालु लगातार मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं। पर्यटक हर साल काफी संख्या में यहां आते हैं। चैत्र नवरात्र के अवसर पर यहाँ विशेष धार्मिक अनुष्ठान होते है।
कैसे पहुंचे (How to Reach Jhula Devi Temple)
हवाई मार्ग से (By Air) - सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पंत नगर एयरपोर्ट है जो की लगभग ११० किमी की दुरी पर स्थित है।
रेल मार्ग से (By Train) - सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो की लगभग ७५ किमी की दुरी पर स्थित है ओर काठगोदाम से रानीखेत सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पंहुचा जा सकता है।
सड़क मार्ग से (By Road) - प्राचीन झूला देवी का मंदिर रानीखेत से ७ किमी दुरी पर है ओर सड़क मार्ग से आसानी से पंहुचा जा सकता है, सभी प्रमुख शहरों से यहाँ के लिए सार्वजानिक परिवहन सेवा उपलब्ध है साथ की टेक्सी सुविधाएं भी हर समय उपलब्ध रहती है, कुमाऊं की हरी-भरी पहाड़ियों में सजी झूला देवी मंदिर चौबटिया गार्डन के पास स्थित है।
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