नवीनतम अद्यतन

October 16, 2021

Munsyari - The Mini Kashmir of Uttarakhand (मुनस्यारी - छोटा कश्मीर)

मुनस्यारी - छोटा कश्मीर (The Mini Kashmir of Uttarakhand) 

मुनस्यारी उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक खूबसूरत प्राकृतिक पर्वतीय स्थल है जो की चारों और से खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह दर्शनीय हिल स्टेशन समुद्र तल से 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मुनस्यारी का शाब्दिक अर्थ है बर्फ से ढकी जगह, और इसे छोटा कश्मीर भी कहा जाता है। यह नेपाल और तिब्बत की सीमाओं के समीप है। मुनस्‍यारी के सामने विशाल हिमालय पर्वत श्रंखला का विश्‍व प्रसिद्ध पंचचूली पर्वत (हिमालय की पांच चोटियां) जिसे किवदंतियो के अनुसार पांडवों के स्‍वर्गारोहण का प्रतीक माना जाता है, बाई तरफ नन्‍दा देवी और त्रिशूल पर्वत, दाई तरफ डानाधार जो एक खूबसूरत पिकनिक स्‍पॉट भी है और पीछे की ओर खलिया टॉप है। जोहार घाटी के मुख पर बसा मुनस्यारी समुद्र तल से २२०० मीटर की ऊंचाई पर स्थित ८-९ ग्रामों का एक समूह है। गोरी गंगा मुनस्यारी से होकर बहती है। गोरी घाटी में स्थित जंगलों में पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां रहती हैं। जो की पक्षी प्रेमियों के लिए एक आदर्श जगह है। मुनस्यारी उत्तराखंड के उन हिल स्टेशनो मैं से एक है जो खूबसूरती के मामले में किसी भी अन्य हिलस्टेशन से कम नहीं है।

मुनस्यारी मैं घूमने की जगह (Place to Visit in Munsyari)

पंचचूली पर्वत (Panchchuli Mountain, Munsyari) - 

पंचचूली पर्वत श्रेणी मुनस्यारी में घूमने और देखने के लिए सबसे लोकप्रिय भ्रमण स्थलों मैं से एक है। इस पर्वत श्रेणी पांच शिखरों से मिलकर बनी हुई है। पौरणिक मान्यता के अनुसार महाभारत काल में इसी पर्वत पर पांडवों ने स्वर्गारोहण की शुरुआत की थी। ये भी कहा जाता है कि ये पांच चोटियां इन्हीं पांचों पांडवों का प्रतीक है। बर्फ से ढके इन पर्वतों को देखकर यक़ीनन आप अपने मन से इनका मोह नहीं दूर कर पाएंगे। इंडो तिब्बत ब्यापार मैं इन पर्वतों का अपना विशेष महत्त्व है।  

कलामुनी टॉप (Kalamuni Top, Munsyari)-

मुनस्यारी से लगभग पंद्रह किलो मीटर की दूरी पर स्थित है कलामुनी टॉप यहां की एक प्रमुख जगह मैं से एक है। प्रकृति प्रेमियोँ के लिए यह जगह बेहद ही खास है। कलामुनी टॉप से आप बैठे-बैठे पुरे मुनस्यारी के बेहद मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों का नज़ारा उठा सकते है। कलामुनी पहुंचने के लिए आप मुख्य शहर से ऑटो या टैक्सी लेकर जा सकते हैं। यहाँ पर काली माता को समर्पित एक मंदिर भी है जो की स्थानीय लोगों की आस्था का प्रतिक है।

ब्रिथी वॉटरफॉल (Bithri Waterfall, Munsyari) - 

ब्रिथी वॉटरफॉल मुनस्यारी के प्राकृतिक खजानों में से एक है। यदि आप मुनस्यारी की यात्रा में है तो आप यहां भी घूमने के लिए जा सकते हैं बल्कि आपको जरूर जाना चाहिए यदि आप अद्भुत दृश्यों के साथ यह वॉटरफॉल का आंनद लेना चाहते है तो, इसे मुनस्यारी के चुनिंदा और सबसे खास पिकनिक स्पॉट के रूप में भी जाना जाता है। यहां कई सैलानी ट्रेकिंग करने के लिए आते रहते हैं। इसके आसपास मौजूद छोटी-छोटी घास और विभिन्न प्रकार के फूल इसे और भी खास बनाते हैं। बिरथी वॉटरफॉल मुनस्यारी से ३५ किमी दुरी पर और तेजम से लगभग 14 किमी दूर स्थित है। यह झरना समुद्र तल से 400 फीट ऊपर उठता है और कालामुनि दर्रे से भी पहुंचा जा सकता है।

थमरी कुंड (Thamri Kund, Munsyari) -

तामरी कुंड या थमरी ताल उत्तराखंड के मुनस्यारी क्षेत्र से लगभग १० किमी दुरी पर जंगलों में स्थित एक छोटा तालाब है। इस झील के बारे में धार्मिक मान्यता है कि जब यहां अप्रयाप्त बारिश होती है तो स्थानीय लोग यहां आकर इंद्रदेव की पूजा-अर्चना करते हैं और झील से अपना आशीर्वाद प्राप्त करते है, इस झील के आसपास मौजूद अल्पाइन के पेड़ इस जगह को और भी खूबसूरत बनाते हैं। कहा जाता है कि इस झील में अक्सर कस्तुरी मृग पानी पीने के लिए आते हैं। 

नंदा देवी मंदिर (Nanda Devi Temple, Munsyari) - 

मुनस्यारी से ३ किमी पैदल ट्रैकिंग पर स्थित है माँ नंदा देवी का मंदिर, मंदिर प्राचीन दिनों में विकसित सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। मंदिर माँ नंदा देवी के रूप में देवी सती को समर्पित है और उत्तराखंड के लोगों के बीच सबसे सम्मानित और सर्वोच्च महत्व रखता है। 

माहेश्वरी कुंड (Maheshwari Kund, Munsyari)-

माहेश्वरी कुंड या महसर कुंड / मेसर कुंड या मेशर कुंड मुनस्यारी से १० किमी दुरी पर स्थित एक झील है जोकि चारोँ और से घने जंगलों से घिरा व है झील को लेकर एक कहानी है की यक्ष एक छोटी सी झील में रहता था जो की सरपंच की बेटी से शादी करना चाहता था परन्तु ग्रामीणों ने ऐसा नहीं करने दिया इससे नाराज होकर यक्ष ने श्राप दिया की इस जगह को कई वर्षों तक सूखे का सामना करना पड़ेगा तत्पश्चात ग्रामीणों द्वारा यक्ष से माफी मांगने के बाद झील मैं पानी वापस आया, इसके लिए यहाँ पर अनुष्ठान आज भी किया जाता है।


कब आना चाहिए मुनस्यारी (When to Visit Munsyari)-

वैसे तो मुनस्‍यारी का मौसम पूरे साल भर आनंदमय रहता है किन्‍तु अप्रैल से मई और सितम्‍बर से नवम्‍बर तक भ्रमण योग्‍य है। मुनस्‍यारी में वर्ष के चारों ऋतुओं का आनन्‍द लिया जा सकता है। बसंत ऋतु में यहां की छटा देखने लायक होती है। जून और जुलाई में यहां काफी बारिश होती है जिससे कभी-कभी रास्‍ते ब्‍लॉक हो जाते हैं। नवम्‍बर से फरवरी तक हालांकि भारी हिमपात होता है।

कैसे पहुंचे (How to Reach Munsyari) - 

मुनस्यारी के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर एयरपोर्ट है जो की यहाँ से लगभग ३३० किमी की दुरी पर स्थित है, और सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर रेलवे स्टेशन है जोकि लगभग २७५ किमी की दुरी पर स्थित है, मुनस्यारी सड़क मार्ग से प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है, और आसानी से पंहुचा जा सकता है, परिवहन निगम के सार्वजानिक सेवा देहरादून, दिल्ली से सीधी परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाता है जो आसानी से उपलब्ध है, दिल्ली के आनन्द विहार से यह बस प्रतिदिन शाम ४ बजे चलती है, और हल्द्वानी, अल्मोड़ा, बागेश्वर तथा थल होते हुए मुनस्यारी पहुंचती है। देहरादून वाली बस सुबह छह बजे मदकोट से चलकर मुनस्यारी, थल, बेड़ीनाग, सेराघाट, अल्मोड़ा, हल्द्वानी होते हुए देहरादून को जाती है, यह रूट अपने आप मैं ही एक खूबसूरत पहाड़ियों से चलते हुए आप प्रकृति के नजारों को निहारते हुए इन्ही मैं खो जाते है। 

यह भी पढ़ें - Popular Tourist Place of Uttarakhand (उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल)

No comments:

Post a Comment