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September 11, 2021

सती माता अनसूइया मन्दिर (Sati Mata Ansuya Devi Temple, Chamoli)

सती माता अनसूइया मन्दिर 

(Sati Mata Ansuya Devi Temple, Chamoli)

भारत के उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले के मण्डल नामक स्थान में स्थित है सती माता अनसूइया का मन्दिर। प्रकृति के बीच हिमालय के उत्तुंग शिखरों ऋषिकुल पर्वत की तलहटी पर स्थित यह स्थान भक्तों की आस्था का प्रतिक है यह मंदिर, यह मन्दिर हिमालय की ऊँची दुर्गम पहडियो पर स्थित है यहाँ तक पहुँचने के लिये पैदल चढाई करनी पड़ती है। मंदिर पहुंचते ही सबसे पहले गणेश जी की भव्य मूर्ति के दर्शन होते हैं, जो एक शिला पर बनी हुई है। कहा जाता है कि यह शिला यहां पर प्राकृतिक रूप से है। गणेश जी की मूर्ति देखकर लगता है जैसे गणेश जी आराम की मुद्रा में दायीं ओर झुककर बैठे हों। यह भव्य मंदिर अनसूइया नामक एक छोटा से गांव मैं स्थित है, मन्दिर कत्यूरी शैली में बना है।

Sati Mata Ansuya Devi Temple, Chamoli

पौराणिक कथाओ के अनुसार ऐसा कहा जाता है जब अत्रि मुनि यहां से कुछ ही दूरी पर तपस्या कर रहे थे तो उनकी पत्नी अनसूइया ने पतिव्रत धर्म का पालन करते हुए इस स्थान पर अपना निवास बनाया था। कविंदती है कि, देवी अनसूइया की महिमा जब तीनों लोकों में गाए जाने लगी तो अनसूइया के पतिव्रत धर्म की परीक्षा लेने के लिए पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश को विवश कर दिया। पौराणिक कथा के अनुसार तब ये त्रिदेव देवी अनसूइया की परीक्षा लेने साधुवेश में उनके आश्रम पहुँचें और उन्होंने भोजन की इच्छा प्रकट की। लेकिन उन्होंने अनुसूइया के सामने पण (शर्त) रखा कि वह उन्हें गोद में बैठाकर ऊपर से निर्वस्त्र होकर आलिंगन के साथ भोजन कराएंगी। इस पर अनसूइया संशय में पड गई। उन्होंने आंखें बंद अपने पति का स्मरण किया तो सामने खडे साधुओं के रूप में उन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश खडे दिखलाई दिए। अनुसूइया ने मन ही मन अपने पति का स्मरण किया और ये त्रिदेव छह महीने के शिशु बन गए। तब माता अनसूइया ने त्रिदेवों को उनके पण के अनुरूप ही भोजन कराया। इस प्रकार त्रिदेव बाल्यरूप का आनंद लेने लगे। उधर तीनों देवियां पतियों के वियोग में दुखी हो गई। तब नारद मुनि के कहने पर वे अनसूइया के समक्ष अपने पतियों को मूल रूप में लाने की प्रार्थना करने लगीं। अपने सतीत्व के बल पर अनसूइया ने तीनों देवों को फिर से पूर्व रूप में ला दिया। तभी से वह मां सती अनसूइया के नाम से प्रसिद्ध हुई।


कैसे पहुंचे (How to Reach Sati Mata Anusya Devi Temple)- 
हवाई मार्ग से (By Air)- अनसूया देवी मंदिर के सबसे नजदीक जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है जो की लगभग २५५ किमी है। 
रेल मार्ग से (By Train) - सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार और ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है जोकि लगभग २३०-२५० किमी दुरी पर स्थित है। 
सड़क मार्ग से (By Road) - अनसूया देवी मंदिर तक आसानी से सड़क मार्ग से पंहुचा जा सकता है मंदिर गोपेश्वर से 19 किमी और चमोली से 29 किमी की दूरी पर स्थित है। पहले मंडल (गोपेश्वर से 13 किमी) तक पहुंचना होगा और फिर अनुसिया देवी के मंदिर तक पहुंचने के लिए 6 किमी की यात्रा करनी होगी। 



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