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September 6, 2021

आखिर क्यों खास है (Gartang Gali, Uttarkashi) गरतांग गली 59 साल के इंतज़ार के बाद खोली गई

 आखिर क्यों खास है गरतांग गली 

(Gartang Gali - Why Special)

59 साल के इंतज़ार के बाद खोली गई

Gartang Gali, Uttarkashi

गर्तांग गली समुद्र तट से 10500 फीट की ऊंचाई पर मौजूद एक चट्टान को काट कर बनाया गया था. यह जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से करीब 85 कमी दूर मौजूद है. 140 मीटर की गर्तांगली का निर्माण 17वीं सदी में पेशावर से आए पठानों ने करवाया था. 1962 से पहले इस रास्ते के जरिए भारत-तिब्बत के बीच व्यापार (India-Tibbat Business) किया जाता था. नेलांग घाटी के दोनों तरफ इस समय व्यापारियों की धूम रहती थी. यह लकड़ी का पुल भारत और तिब्बत के बीच का व्यापार मार्ग था। नामधारी (भोटिया जनजाति) ने अपने सामान को अपने दूसरे देश के हिस्से के साथ वस्तु विनिमय के लिए इस पुल को याक पर लाया। 


पर्यटकों के लिए फिर खोली गई गर्तांग गली

तिब्बती व्यापारी ऊन और चमड़े से बने कपड़े लेकर सुमला, मंडी और नेलांग से गर्तांग गली होते हुए उत्तरकाशी पहुंचते थे. भारत-चीन के युद्ध के बाद गर्तांग गली से व्यापारिक गतिविधियां बंद हो गई थीं. बीच में सेना ने भी इस रास्ते का इस्तेमाल किया था. लेकिन जब साल 1975 में जब भैरव घाटी से नेलांग तक सड़क बन गई तो सेना ने भी इस रास्ते का इस्तेमाल बंद कर दिया था.  रास्ते की देख रेख न हो पाने की वजह से इसकी सीढ़ियां और किनारे से लगा सड़की का बॉर्डर टूट गया था. इसी वजह से गर्तांग गली का पुनरुद्धार का शुरू किया गया. इसे ठीक कराने में 64 लाख की लागत आई थी. अप्रैल महीने में बर्फबारी की वजह से गर्तांग गली के पुनरुद्धार का काम धीमा हो गया था. काम जून में शुरू होकर जुलाई के आखिरी तर पूरा हो गया था. जिसके दो हफ्ते बाद इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया.

रोमांच का सफर करने वालों के लिए नया पर्यटक स्थल

अब हर दिन यहां पर सैकड़ों पर्यटक घूमने पहुंच रहे हैं. जाड गंगा घाटी में गर्तांग गली दो किमी का सीढ़ीनुमा ट्रेक है. ट्रेकिंग के शौकीन लोगों के लिए यह आकर्षण का मुख्य केंद्र है.  आगामी समय में गर्तांगली पर्यटकों और रोमांच का सफर करने वालों के लिए नया पर्यटक स्थल साबित होगी. हर दिन यहां पर सैकड़ों पर्यटक घूमने पहुंच रहे हैं. इससे स्थानीय युवाओं के लिए भी रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं.

कैसे पहुंचें (How to Reach Gartang Gali ) -

हवाई मार्ग द्वारा  - निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो उत्तरकाशी मुख्यालय से लगभग 200 किमी दूर है। देहरादून हवाई अड्डे से उत्तरकाशी तक टैक्सी तथा बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।

ट्रेन द्वारा - ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून सभी जगह रेलवे स्टेशन हैं। उत्तरकाशी से निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (लगभग 100 किमी) है। ऋषिकेश से उत्तरकाशी बस/टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।

सड़क के द्वारा - राज्य परिवहन की बसें उत्तरकाशी और ऋषिकेश (200 किमी) के बीच नियमित रूप से चलते हैं। स्थानीय परिवहन संघ और राज्य परिवहन की बसें तथा टैक्सी उत्तरकाशी और ऋषिकेश (200 किमी), हरिद्वार (250 किमी), देहरादून (200 किलोमीटर)के बीच नियमित रूप से चलते हैं। गरतांग गली उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 90 किमी दुरी पर गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के अंदर है। 





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