टपकेश्वर महादेव मंदिर, देहरादून (Tapkeshwar Mahadev Temple, Dehradun)
उत्तराखंड के देहरादून शहर 6 किमी दुरी पर कैंट क्षेत्र मैं नदी के किनारे स्थित है भगवान महादेव को समर्पित टपकेश्वर महादेव मंदिर। यह मंदिर देहरादून के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। मंदिर की चट्टानों से लगातार बूंदें शिवलिंग के ऊपर टपकती रहती है, कहते है सतयुग मैं यहाँ से दूध की बूंदें टपकती थी जोकि कलयुग मैं जल मैं परिवर्तित हो गयी, इसलिए इसे टपकेश्वर महादेव नाम से जाना जाता है, कहते है भी गुरु द्रोणाचार्य जी इसी स्थान पर तपस्या किया करते थे और भगवान शिव उन्हें इसी स्थान पर धनुर्विद्या का ज्ञान देते थे, इसी स्थान को द्रोणपुत्र अश्वथामा की जन्मस्थली के तौर पर भी जाना जाता है, मंदिर के हजारों लाखों नहीं करोडो साल पुराना माना जाता है, जिसका वर्णन स्कंदपुराण केदारखंड मैं भी देखने को मिलता है, चारों और घने जंगलों के बीच नदी के किनारे बसा यहाँ पावन धाम पहुंचने के लिए आपको १ किमी पैदल जाना पड़ता है।
टपकेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास (History of Tapkeshwar Mahadev Temple)
उत्तराखंड मैं महादेव के अधिकतर मंदिरों का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है इस मंदिर का इतिहास भी महाभारत कल से जुड़ा हुआ है, महाभारत काल से जुड़े होने के कारण यह मंदिर अपने आप मैं खास हो जाता है, मान्यता के अनुसार गुरु द्रोणाचार्य ने यही पर तपस्या की थी और भगवान शिव उनको यही अश्त्र शस्त्र और धनुर्विद्या का ज्ञान देने आते थे, द्रोणपुत्र अश्वथामा की जन्मस्थली इस स्थान को माना जाता है अश्वथामा के माता पिता गुरु द्रोणाचार्य और कृपी की पुर्जा अर्चना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हे पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया था, उसके बाद ही उनके घर अश्वथामा का जन्म हुआ था, जिसका वरन स्कंदपुराण के केदारखंड मैं भी देखने को मिलता है, एक बार अश्वथामा अपनी माता कृपी से दूध पिने की जिद करते है परतु माता कृपी द्वारा उनकी इच्छा पूरी न होने के कारण अश्वथामा ने दिन रत तप कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया था जिस से प्रसन्न होकर महादेव ने वरदान स्वरूप गुफा मैं दूध की धारा बहा दी, इसलिए यहाँ आज भी वो धाराएं पानी के रूप (कलयुग मैं दूध ने पानी का रूप ले लिया) मैं देखी जा सकती है जो की शिवलिंग के ऊपर टपकती है, एक और मान्यता के अनुसार पौराणिक काल मैं भगवान महादेव ने देवताओं की प्राथना से प्रसन्न होकर उन्हें देवशर के रूप ने दर्शन दिए।
कैसे पहुंचे (How to Reach Tapkeshwar Mahadev Temple)
टपकेश्वर महादेव मंदिर, देहरादून शहर से लगभग 6 किमी की दुरी पर स्थित है, यहाँ से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (Jolly Grant Airport) है जोकि लगभग 30 किमी दूर होगा ओर सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन 10 किमी दूर देहरादून रेलवे स्टेशन (Dehradun Railway Station) है, मंदिर कैंट एरिया मैं घने जंगलों के बीच स्थित है, जो की सड़क मार्ग से पूरी तरह जुड़ा हुआ है, सड़क से लगभग १ किमी पैदल मार्ग द्वारा मंदिर तक पंहुचा जा सकता है।
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